आज़ादी सस्ती है ?

जब भी हो गुमान
या चाहत हो शिकायत करने की
नज़र उठाकर चोटियों पे देख लेना
कुछ लोग दिखेंगे बंदूक लिए , बर्फ से घिरे
या खुद को तैनात किए जानवरों के बीच
जिनके पास निजी कई मसले हैं
पर फ़र्ज़ से बड़ा ना मसला है ,ना खुशी का कारण
गर और कुछ याद ना रहे
तो ध्यान रखना सिर्फ़ एक
उनकी एक चूक महँगी है !!!!
 
और हम अपनी आज़ादी कितनी सस्ती मान लेते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *